भारतीय स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एक भारतीय नागरिक द्वारा प्रस्तुत एक कविता।
भारतीय नागरिक।
यह जिंदगानी मेरी,
कर दी है तेरे नाम।ना मैं सैनिक, ना हूं सिपाही,हूं मैं तो नागरिक आम।।ना देखी है सरहद मैंने,ना गोली झेली बदन पे।उठा लेंगे तलवार भी,गर आँच आए वतन पे।।आसमां में लहराता है,जब तिरंगा शान से।दिल हमारा गाता है,राष्ट्रगान सम्मान से।।शर्म से पलकें झुकें,काम ऐसा करता नहीं।'सत्य' का देने से साथ,मैं कभी डरता नहीं।।इस जगत में देश की,एक अलग पहचान है।संस्कृति पर भारत के,हां, मुझे अभिमान है।भारत का नागरिक मैं,भारत मेरा सर्वस्व है।'भारतीय' होने पे मुझे,जन्म से ही गर्व है।।© विचारसत्व
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